जन्माष्टमी के महत्त्व

 

मुझे जन्माष्टमी के महत्त्व और कहानियों के बारे में बताने में खुशी होगी!

 




जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का त्योहार है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण के जीवन और उनके द्वारा दिए गए संदेशों का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।

 

जन्माष्टमी की कहानी भगवान कृष्ण के जन्म से जुड़ी हुई है, जो इस प्रकार है:

 

मथुरा के राजा कंस ने अपनी बहन देवकी को मारने का फैसला किया था, क्योंकि एक भविष्यवाणी में कहा गया था कि देवकी का आठवां पुत्र कंस को मारेगा। लेकिन भगवान कृष्ण के पिता वसुदेव ने देवकी को बचाने का फैसला किया और भगवान कृष्ण को यमुना नदी के पार गोकुल में नंद और यशोदा के घर में छोड़ दिया।

 

भगवान कृष्ण ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए और लोगों को सच्चाई और न्याय का मार्ग दिखाया। उनके जीवन की कहानियां भक्ति और प्रेम का प्रतीक हैं।

 

जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखते हैं, भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, और उनके जीवन की कहानियों को सुनते हैं। यह त्योहार प्रेम, भक्ति और सच्चाई का जश्न मनाने का एक अवसर है।