भीमराव अम्बेडकर

 

भीमराव अम्बेडकर एक महान भारतीय समाज सुधारक, राजनेता, और अर्थशास्त्री थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्हें बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है।

 


भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय समाज में व्याप्त जाति प्रथा और असमानता के खिलाफ संघर्ष किया और दलितों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संविधान सभा के अध्यक्ष रहे।

 

अम्बेडकर जी ने बौद्ध धर्म को अपनाया और अपने अनुयायियों को भी इसका अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया।

 

भीमराव अम्बेडकर की मुख्य उपलब्धियां हैं:

 

- भारतीय संविधान का निर्माण

- दलितों के अधिकारों की लड़ाई

- जाति प्रथा के खिलाफ संघर्ष

- बौद्ध धर्म का प्रसार

- महिला अधिकारों और शिक्षा का समर्थन

 

उनकी शहादत 6 दिसंबर 1956 को हुई थी। भीमराव अम्बेडकर को उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

 

भीमराव अम्बेडकर के कुछ प्रसिद्ध कथन हैं:

 

- "शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो।"

- "मैं जन्म से हिंदू हूँ, लेकिन मैं हिंदू धर्म के साथ मरने वाला नहीं हूँ।"

- "समता का अर्थ केवल यह नहीं है कि कोई भेदभाव न हो, बल्कि इसका अर्थ यह भी है कि समाज में किसी भी तरह का भेदभाव न हो।"

 

भीमराव अम्बेडकर एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त असमानता के खिलाफ संघर्ष किया और भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।